Planets in 8th House and their effects

अष्टम भाव के ग्रह और उनका प्रभाव

ज्योतिष में, अष्टम भाव (आठवां घर) जीवन के गहरे और रहस्यमय पहलुओं का प्रतीक होता है। इसे मृत्यु, पुनर्जन्म, गुप्त रहस्य, परिवर्तन, और जीवन के गहरे अनुभवों से जोड़ा जाता है। इस भाव में स्थित ग्रह व्यक्ति के जीवन पर विभिन्न प्रकार के प्रभाव डालते हैं। आइए जानते हैं कि अष्टम भाव में विभिन्न ग्रहों का क्या प्रभाव होता है:

  1. सूर्य (Sun):
    अष्टम भाव में सूर्य का होना व्यक्ति को आध्यात्मिक और रहस्यमय विषयों में रुचि रखने वाला बना सकता है। व्यक्ति को अपने अहंकार से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यह स्थान जीवन में अचानक परिवर्तन और पिता से जुड़ी समस्याओं का भी संकेत दे सकता है।
  2. चंद्रमा (Moon):
    अष्टम भाव में चंद्रमा होने से व्यक्ति की भावनाएं गहरी और जटिल हो सकती हैं। ऐसे व्यक्ति को मानसिक अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है। उनकी अंतर्दृष्टि मजबूत होती है, लेकिन मनोवैज्ञानिक चुनौतियां भी हो सकती हैं।
  3. मंगल (Mars):
    अष्टम भाव में मंगल का होना व्यक्ति को साहसी और जोखिम लेने वाला बनाता है। हालांकि, यह हिंसक प्रवृत्ति या दुर्घटनाओं का भी संकेत हो सकता है। व्यक्ति को संपत्ति या विरासत से जुड़े मामले में लाभ मिल सकता है, लेकिन संघर्ष भी हो सकता है।
  4. बुध (Mercury):
    अष्टम भाव में बुध व्यक्ति को रहस्यमय और गुप्त ज्ञान के प्रति आकर्षित करता है। वह एक अच्छा अन्वेषक या शोधकर्ता बन सकता है। लेकिन, इसके साथ ही धोखे या छल के मामलों में भी उलझ सकता है।
  5. गुरु (Jupiter):
    अष्टम भाव में गुरु का होना व्यक्ति को आध्यात्मिक और धार्मिक बना सकता है। यह व्यक्ति को धन और विरासत से लाभ देता है। गुरु के प्रभाव से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं और व्यक्ति की आध्यात्मिक वृद्धि होती है।
  6. शुक्र (Venus):
    अष्टम भाव में शुक्र होने से व्यक्ति का जीवन प्रेम, आकर्षण और भौतिक सुखों से जुड़ा हो सकता है। यह व्यक्ति को आकर्षक बनाता है, लेकिन अनैतिक संबंधों या विवाह से जुड़ी समस्याओं का भी संकेत दे सकता है। व्यक्ति को अचानक धन लाभ या हानि हो सकती है।
  7. शनि (Saturn):
    अष्टम भाव में शनि का होना जीवन में कड़ी परीक्षाओं और धीमी प्रगति का संकेत हो सकता है। यह व्यक्ति को धैर्यवान बनाता है, लेकिन जीवन में गंभीरता और जिम्मेदारियों का भार भी लाता है। शनि यहाँ दीर्घकालिक बीमारी या कठिनाइयों का भी संकेत देता है।
  8. राहु (Rahu):
    अष्टम भाव में राहु का होना व्यक्ति को गुप्त और रहस्यमय चीजों के प्रति आकर्षित करता है। यह व्यक्ति को अचानक परिवर्तन और अप्रत्याशित घटनाओं का सामना करवा सकता है। राहु व्यक्ति को धोखे, छल या अजीब घटनाओं में उलझा सकता है।
  9. केतु (Ketu):
    अष्टम भाव में केतु का होना व्यक्ति को आध्यात्मिक और रहस्यमय अनुभवों की ओर ले जाता है। केतु व्यक्ति को गहरे आंतरिक अनुभवों का सामना करवा सकता है और उसे संसारिक सुखों से विमुख कर सकता है।

अष्टम भाव का महत्व और प्रभाव व्यक्ति के जीवन के गहरे और जटिल पहलुओं को उजागर करता है। इसमें स्थित ग्रहों का अध्ययन जीवन में आने वाले गहरे बदलावों और चुनौतियों को समझने के लिए किया जाता है।

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