भारतीय ज्योतिष शास्त्र में छठे भाव (षष्ठ भाव) को स्वास्थ्य, शत्रु, ऋण, संघर्ष, नौकरी, और सेवा का भाव माना जाता है। इस भाव में स्थित ग्रह व्यक्ति के जीवन के इन पहलुओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। आइए जानते हैं कि छठे भाव में स्थित ग्रहों का प्रभाव क्या होता है।
1. सूर्य (Sun)
- सकारात्मक प्रभाव: यह आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता, और सरकारी सेवा में सफलता को बढ़ाता है। व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से लड़ने की शक्ति मिलती है।
- नकारात्मक प्रभाव: अहंकार, हृदय रोग, और शत्रुओं से संघर्ष बढ़ सकता है।
2. चन्द्रमा (Moon)
- सकारात्मक प्रभाव: यह मानसिक शक्ति, सेवा की भावना, और स्वास्थ्य की देखभाल को बढ़ाता है। व्यक्ति संवेदनशील और दयालु हो सकता है।
- नकारात्मक प्रभाव: मानसिक तनाव, चिंता, और शत्रुओं से परेशानियाँ हो सकती हैं।
3. मंगल (Mars)
- सकारात्मक प्रभाव: यह साहस, ऊर्जा, और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता को बढ़ाता है। व्यक्ति स्वास्थ्य के प्रति सजग रहता है।
- नकारात्मक प्रभाव: आक्रामकता, चोट, और शत्रुओं के साथ संघर्ष उत्पन्न हो सकते हैं।
4. बुध (Mercury)
- सकारात्मक प्रभाव: यह बुद्धिमत्ता, संचार कौशल, और विश्लेषणात्मक क्षमता को बढ़ाता है। नौकरी में उन्नति और व्यापार में सफलता मिलती है।
- नकारात्मक प्रभाव: मानसिक तनाव, धूर्तता, और स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।
5. गुरु (Jupiter)
- सकारात्मक प्रभाव: यह ज्ञान, न्याय, और स्वास्थ्य में सुधार को बढ़ाता है। व्यक्ति शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है और ऋण से मुक्ति पाता है।
- नकारात्मक प्रभाव: अति आत्मविश्वास, मोटापा, और लापरवाही से स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।
6. शुक्र (Venus)
- सकारात्मक प्रभाव: यह कला, सौंदर्य, और नौकरी में सहयोग की भावना को बढ़ाता है। व्यक्ति शत्रुओं के साथ समझौता कर सकता है।
- नकारात्मक प्रभाव: भोगविलास, अनैतिक संबंध, और स्वास्थ्य में गड़बड़ी हो सकती है।
7. शनि (Saturn)
- सकारात्मक प्रभाव: यह धैर्य, अनुशासन, और मेहनत की क्षमता को बढ़ाता है। व्यक्ति कठिनाइयों से लड़ने में सक्षम होता है और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- नकारात्मक प्रभाव: बीमारी, शत्रुता, और कार्यस्थल पर तनाव उत्पन्न हो सकता है।
8. राहु (Rahu)
- सकारात्मक प्रभाव: यह नवीनता, राजनीति में रुचि, और शत्रुओं पर अप्रत्याशित विजय को बढ़ाता है। व्यक्ति स्वास्थ्य के प्रति सजग रहता है।
- नकारात्मक प्रभाव: भ्रम, छल, और अनियमित स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।
9. केतु (Ketu)
- सकारात्मक प्रभाव: यह आध्यात्मिकता, अंतर्ज्ञान, और शत्रुओं से मुक्त होने की क्षमता को बढ़ाता है। व्यक्ति के जीवन में रहस्यमय अनुभव हो सकते हैं।
- नकारात्मक प्रभाव: अव्यवस्था, स्वास्थ्य समस्याएँ, और मानसिक तनाव हो सकता है।
निष्कर्ष
छठे भाव में स्थित ग्रह व्यक्ति के स्वास्थ्य, शत्रु, ऋण, और कार्यक्षेत्र से संबंधित विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करते हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि ग्रहों का यह प्रभाव उनकी स्थिति, अन्य ग्रहों के साथ उनके संबंध, और कुंडली के संपूर्ण विश्लेषण पर निर्भर करता है। इसलिए, सटीक और व्यक्तिगत ज्योतिषीय मार्गदर्शन के लिए किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श करना लाभकारी होता है।